LATEST NEWS : हौसले व मजबूत इरादे लिऐ ये आशाएं भी इस जंग में डट कर आगे आईं हैं


उत्तराखण्ड (Bureau Chief-TWV) 25 अप्रैल : कोरोना वायरस कोविड-19 के खिलाफ इस जंग मंे फंरट लाईन में योद्धा डाॅक्टार्स , नर्स, व स्वस्थ्य कर्मी, सफाईकर्मीयों और इसी साथ एक महत्वपूर्ण कड़ी में प्रदेश की आशाएं अपना फर्ज बाखूबी से निभा रहे है। वही जिसमंे इस कोविड-19 वैश्विक महामारी की लड़ाई के अभियान में चल रही हमारी आशाएं एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो रही हैं। वही जिसमंे अगर हम बात करे देहरादून जनपद के 100वार्डो में आशा ही स्वास्थ्य टीम को दिशा दिखा रही है। आशा यूनियान की प्रदेश अध्यक्ष श्रीमति शिवा दुबे ने बताया कि जो आशाएं घर-घर जाकर लोगों की स्वास्थ्य जिसमें खांसी, बुखार, व कोरोना लक्षण जैस है या फिर कोई बहार देश व प्रदेश से आया इन सभी की जानकारी हासिल कर रही है, वह इस वक्त उनके स्वास्थ्या का सरकार कोई ठोस कदम व सुविधाएं नही दे रही है। इस समय प्रदेश की सभी आशाओं डियूटी में लगी इस महामारी के संकट में उन सभी की जान खतरे डालकर काम कर रही है। वही आशाएं एक महत्वपूर्ण कड़ी है।


जबकि आपको बता दे कि आशाएं सीएमओ कार्यालय देहरादून के आदेशानुसार अपने-अपने किटों के साथ जिसमें कोरोना संक्रमण लक्षण के सुरक्षा व सुझाव केंद्रीय सरकार द्वारा दिये गये दिशा निर्देशो का पालन कराने घर-घर जाकर लोगों से कोरोना संबंधित जानकारीयां हासिल कर रहें। जिसमें एक वार्ड में दो या चार आशओं की डियूटी कर रही है। वही ये आशाएं इस कड़ी धूप में हर क्षेत्रों जिसमें संक्रमण का खतरा सर पर मंडरा रहा हो ऐसे में बिना सुरक्षा पीपीई किट व अन्य सुरक्षा कवच के बैगर हाॅटस्पाॅट जैसेी जगहों पर भी जाना पड़ रहा है।


कदम-कदम पर खतरा ही खतरा फिर ये आशाएं हौसले के साथ मजबूत इरादो लिऐ घरो में जा कर करोना कोविड-19 की संक्रमण लक्षण आदि की जानकारी प्राप्त कर रही हैं। सलाम है इनके जजबे कों वही इसी को देखते हुए जिसमें सूत्रों के मुताबिक प्रदेश सरकार की ओर से इन आशाओं के लिए सरकार ने अब तक कोई सुविधा नहीं दी है। यदि कोई आशा इस वायरस की चपेट में आ जाए तो उसके परिवार को कोई सामाजिक सुरक्षा तक उपलब्ध नहीं है। वही सरकार द्वारा बीमा की धनराशी ओर राज्यों से इस उत्तराखण्ड प्रदेश में कम बतायी जा रही है।


वही जिसमें इसके अलावा लोगों से समंव्य बनाने में सबसे बड़ी जिम्मेदारी आशाओं की ही सामने आ रही है। इसके बावजूद केवल कुछ हजार मानदेय पर काम कर रही आशाओं के लिए फिल्हाल किसी तरह की कोई सुविधा सरकार की ओर से नहीं दी गई है। ऐसे में आशाओं ने सरकार से बीमा कवर उपलब्ध करावाने की मांग की है। वही सूत्र बताते है कि उत्तराखण्ड प्रदेश के आशा संगठन से जुड़ी कई आशाओं ने इस वक्त दबी जुबान से कहा कि वह रोजाना काम कर रही हैं।  वही जिसमें डॉक्टर एवं बाकी स्वास्थ्य कर्मियों को सरकारी सुविधा उपलब्ध हैं। लेकिन हमारे साथ कदम-कदम पर खतरा हो और आशाओं को लॉकडाउन के बीच आने जाने में भी परेशानी हो रही है। ऐसे मे स्वास्थ्य विभाग व सरकार को आशाओं के लिए कोई ठोस व्यवस्था करनी चाहिए। वही सूत्रों के मुताबिक प्रदेश की आशा हेल्प वर्कर यूनियन की ओर से प्रदेश सरकार से आशाओं के लिए हेल्थ बीमा की गारंटी व न्यूनतम कैश इन हैंड के रूप में धनराशी भी प्रदान की जाए।